Gram Panchayats will have a list of medicines available in hospitals

ग्राम पंचायतों के पास होगी अस्पतालों में मिलने वाली दवाओं की सूची

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Gram Panchayats will have a list of medicines available in hospitals

Gram Panchayats will have list of medicines : चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals of Haryana) में तैनात डाक्टरों द्वारा ब्रंाडेड दवाएं लिखने की सूचनाओं के बाद स्वास्थ्य निदेशालय अलर्ट हो गया है। महानिदेशक ने गुरुवार को प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को निर्देश जारी किए हैं कि अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं की सूची (list of drugs) न केवल मुख्य काउंटरों पर चस्पा की जाए बल्कि ग्राम पंचायतों को भी भिजवाई जाए।

केवल जेनरिक दवाएं लिखेंगे अस्पतालों के डाक्टर

डीजी हेल्थ ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों और विशेषज्ञों को निर्देश (Instructions to doctors and specialists) दिए हैं कि वह अस्पताल में आने वाले मरीजों को जेनरिक नेम पॉलिसी (generic name policy) के तहत ही दवाएं लिखेंगे। इस संबंध में पहले भी कई बार निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन निर्देशों की सही तरीके से पालना न होने के चलते दोबारा से निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे में अगर अब कोई सरकारी अस्पताल का डॉक्टर या विशेषज्ञ जेनरिक मेडिसिन (generic medicine) के अलावा मेडिसिन लिखेगा तो उसके खिलाफ अनुशास्नात्मक कार्रवाई (disciplinary action) की जाएगी।

अस्पतालों में दवाओं का रिकॉर्ड दुरुस्त करवाएं सभी अधीनस्थ

निदेशक के अनुसार अक्सर देखने में आया है कि जिला स्तर पर अस्पतालों को जो दवाएं जारी की जाती हैं, उसमें से कई दवाएं इधर-उधर हो जाती हैं। एक तरह से इन दवाओं के चोरी (theft of drugs) होने की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। कई बार अस्पताल कर्मी अपने किसी न किसी जानकार को बिना डॉक्टर की मंजूरी के दवाएं थमा देते हैं। इससे भी दवाओं की कमी बन जाती है। ऐसे में सभी जिला सिविल सर्जनों को निर्देश (Instructions to District Civil Surgeons) जारी किए गए हैं कि वे अपनी अधीनस्थ सभी अस्पतालों में दवाओं का रिकॉर्ड (Records of medicines in hospitals) दुरुस्त करवाएं। इसके अलावा अस्पताल काउंटर भी उपलब्ध दवाओं की सूची लगाएं। अस्पताल स्टॉफ दवाओं के आवंटन से लेकर बचे हुए शेष दवाओं के रिकॉर्ड को लेकर भी रजिस्टर मैंटेन (register maintenance) करे। किस वार्ड में कितनी दवाएं जा रही हैं उसे लेकर भी रजिस्टर तैयार करें ताकि जरूरत पडऩे पर सभी रिकॉर्ड सही पाया जा सके। डीजी हेल्थ ने इन निर्देशों का सख्ती से पालन करने की हिदायतें दी हैं।

ग्रामीण अंचल के लोगों को यह पता होना जरूरी है कि जिस अस्पताल में वह उपचार के लिए जा रहे हैं वहां कौन सी दवाईयां उपलब्ध है। इसलिए ग्राम पंचायतों को यह सूचियां भिजवाई जा रही है। इसके अलावा कांउटर के बाहर भी दवाईयों की सूची  (list of medicines) लगाई जाएगी। डाक्टरों को इस बात के लिए बाध्य किया गया है कि वह सरकार द्वारा निर्देशित दवाएं (government prescribed drugs) ही लिखें।
-सोनिया खुल्लर, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा।

 

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